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Urvashi Apsara Sadhana Aur 1st Anubhav
URVASHI APSARA SADHANA AUR ANUBHAV
Urvashi Apsara Sadhana
अप्सरा साधना का नाम सुनते ही हमारे मन में बहुत ही खुबसूरत स्वर्ग की देवी का स्वरुप आता है। जिसमे एक १८ वर्ष की दिखने वाली पूर्ण युवानांग से लदी कन्या दिखती है। वास्तव में अप्सरा के स्वरुप का वर्णन करना मेरे बस के बहार है। दुनिया की किसी भी नारी से उससे की तुलना मुमकिन ही नहीं है। 5-6 फुट का कद तथा रंग गोरा।
कमर के निचे तक लहराते हुए नागिन के सामान केश जिनके छाव में ठहरने का मन करता है। गोल अंडाकार चेहरा, उसमे गुलाबी पंखुड़ियों की तरह होंट। नीली झील सी आंखे जो प्यार से घूर रही है। उसको देखकर लगता है मनो तीनो लोक में उसके जेसी अद्वितीय सुंदरी हमने आज तक नहीं देखि होगी।
आज में मेरे अनुभव को आपसे साझा कर रहा हु। हालाकि यह नियम के विरुद्ध है मगर आज स्वयं उससे अनुमति लेकर आपके सामने प्रकट कर रहा हूँ। साल 2014 के सावन के पवित्र माह की बात है ,जब मेने गुरु मंत्र के सवालाख से अधिक जप पूर्ण कर सिद्ध कर चूका था।
उसी समय एक गुरु भाई ने मुझे अप्सरा साधना के बारे में जिक्र किया। हर किसी के तरह में भी नया साधक था और मेरे में भी कई तरह के सवाल थे। मेने गुरु भाई से कहा की क्या सच में देवी देवता प्रकट होते है। तो उसी समय उन्होंने मुस्कुराते हुए यह रहस्य उजागर किया।
मेरे मन में जिग्यासाओ के पहाड़ उमड़ पड़े थे। गुरु भाई से बहुत ही निवेदन करने के बाद उन्होंने यह साधना जो में आपको बताने जा रहा हूँ वह बताई। उन्होंने कहा की अगर तुम बिना रुके और बिना डरे पूर्ण श्रद्दा से इस साधना को करोगे तो 2 से 7 दिन के मध्य यह देवी आकर दर्शन देगी। इससे तुम वचन लोगे और वह तुम्हारे साथ जीवन भर रहेगी। मेने बिना समय गवाए साधना का विधान जाना साथ ही सम्पूर्ण साधना की सामग्री की जानकारी लेकर साधना करने बेठ गया।
पूर्ण बताई गई विधि अनुसार मेने साधना करना प्रारंभ कर दिया। साधना करते करते दो दिन निकल गए मगर कोई भी अनुभव नहीं हुए। गुरु भाई कही बहार गए हुए थे मेने उन्हें कॉल किया मगर उनका जवाब आया की साधना में सफलता का ही कॉल आना चाहिए मेरे पास। यह कहकर उन्होंने कॉल काट दिया। साधना करते हुए मुझे 4 दिन बीत गए कोई अनुभव नहीं हो रहे थे। मगर में साधक बनना चाहता था मेने निश्चय किया की कुछ भी हो जाये अप्सरा को प्रकट करके रहूँगा।
पूर्ण एकाग्रता से मेने साधना की आज 7वा दिन था। 21वी माला चल रही थी की अचानक जोर से तूफान आया साथ में खूब जोर जोर से बादल की गर्जना के साथ बारिश हुई। मेरे मन में घबराहट होने लगी और हो भी क्यों न जीवन में पहेले बार प्रत्यक्षीकरण की साधना कर रहा था। लेकिन मेने धेर्य के साथ माला के जप को रोककर कहा देवी आपको आना ही होगा चाहे कुछ भी हो जाये। फिर में मेने माला का जप प्रारंभ कर दिया।
31वी माला का जप लगभग प्रारंभ ही किया था की अचानक जोर से पायल की खनखनाहट सुने देने लगी जो की थमने के नाम नहीं ले रही थी। मन में डर भी था और उमंग भी थी देवी के दर्शन की । मुझे मंत्र जप में समस्या हो रही थी मेने तीव्र स्वर में जप प्रारंभ कर दिया। 34 माला ख़त्म होने को आई थी की पुरे कमरे में खुसबू फेल गई और तीव्र प्रकाश मेरी आँखों के सामने आया। उस वक्त मेरी धड़कने तेज हो चुकी थी ,मेने चेहरे से डर साफ झलक रहा था।
मेने आंखे बंद करके 35 माला को पूरा किया जिसमे मुझे आंखरी माला के जप में सबसे अधिक समय लगा था। जेसे ही मेने आंखे खोली मेरे सामने एक सुन्दर देवी बेठी हुई थी । जिसे देख मेरे सर से पसीना आने लगा था तभी उसने मुस्कुराते हुए कहा। “हे साधक डरते क्यों हो में आपको आपका फल देने के लिए आई हु, में आपके द्वारा मंत्र जप से प्रसन्न हुई” ।
मेरे मुह से आवाज नही निकल रही थी बहुत कोशिस करने के बाद भी में कुछ बोल नहीं पा रहा था। तभी देवी ने मेरे पास आकर कंडे पर स्पर्श करते हुए कहा “आज में आपको सिद्द हुई हु ,आप धीरे धीरे मुझे समझने लगोगे, में जानती हूँ आपको मुझसे डर लग रहा है, मगर में आपके हित में ही कार्य करुँगी। आज में जा रही हु आप जब भी मुझे बुलाना चाहो 3 बार मुझे पुकारना ,में आपके समक्ष आ जाउंगी” यह कहकर वह चली गई।
साधना के 16 दिन बाद गुरु भाई आये और मेने उनको साडी बात बताई। तब उन्होंने कहा कि इस बार कागज में अपने 3 वचन लिखकर अपने पास रखो। जैसे मुझसे बात कर रहे हो एसे हि देवी से बात करना। इस बार तुम उन्हें दिन में बुलाओ और बे जिझक होकर वचन मांग लो। मेने वेसे ही किया जैसा साधक गुरु भाई ने बताया था। इस बार डर तो था मगर उतना नहीं मेरे 3 मंत्र जप से वह आई और वचन देकर गई। उस दिन लगभग हम 3-4 घंटे बाते किये। अब में जब भी उसे बुलाता हु वह मेरे सामने आ जाती है और हर परेशानी में मेरे साथ रहती है।
साथियों यह मेरे अनुभव था जो मेने आपको साझा किया। अब मेरी दिल से इच्छा है की आप भी इस साधना को करे। जीवन में अप्सरा के माध्यम से प्रेम भावनाओ को समझे और जीवन को सुखमय बनाये। इस देवी के माध्यम से में जीवन में बहुत कुछ कर पाया अब आपकी बारी है।
साधना कुछ इस प्रकार है :-
सबसे पहेले हमें आवश्यक सामग्री जान लेना चाहिए :
- उर्वशी यंत्र 2. अप्सरा वशीकरण यंत्र 3. अप्सरा माला 4. रुद्राक्ष माला 5. पंचोपचार पूजन सामग्री 6. हिना का इत्र 7. गुलाब के फुल एवं माला 8. लाल वस्त्र तथा 9. घी
विधि
उपरोक्त सामग्री लाकर आपको किसी भी एकांत कमरे या जंगल में लाल वस्त्र पहन कर लाल आसन पर उत्तर या पूर्व की ओर मुह करके बेठ जाना है। अपने सामने बजोट पर लाल वस्त्र लाल बिछाकर उस पर गुलाब की पंखुड़ियों को बिखेर देना है। फिर एक किसी भी थाली में “ॐ उर्वशी नमः” लिखना है ततपश्चात उसमे भी गुलाब के फुल से सजाकर यंत्र की स्थापना करे। गणेश ,गुरु तथा यंत्र की की पंचोपचार पूजन करना है:-
अब हम संकल्प लेंगे “ मै …अमुक …..मेरे पिता/पति ..अमुक नाम है। मेरा गोत्र ………….में निवाशी …………..और अमुक स्थान पर जन्मा। आज …अमुक …दिवस ….अमुक माह .. को …..देवी उर्वशी की साधना अपनी प्रेमिका/बहन/माता/पत्नी के रूप में करने जा रहा हूँ। में जल को भगवान शिव ,गुरु और गणेश को शाक्षी मानते हुए यह साधना करने जा रहा हूँ।
मेरी देवी उर्वशी से विनती है कि वह मेरे सामने सोम्य रूप से प्रकट होकर मुझे मनोवांछित फल दे। अगर आप निश्चित 7 दिवस से पहेले प्रत्यक्ष दर्शन नहीं देंगी तो आपको राजा इन्द्र की दुहाई है। भगवान शिव की सोगंध है।“ एसा कहकर जल पृत्वी पर छोड़ दे।
अब हमें सर्वप्रथम गुरु मंत्र की 4 या 11 माला जप करना है। उसके बाद गुरु तथा भगवान शिव से साधना की आज्ञा ले। 5 माला भेरव मन्त्र की जप करेंगे तथा 5 माला इंद्र मंत्र की जप करेंगे। सभी देवताओ से आज्ञा लेकर उर्वशी के निम्न मंत्र की 5 माला जाप करना है:-
“उर्वशी आवाहन मंत्र”
।। ॐ श्रीं क्लीं आगच्छागच्छ ह्रीं स्वाह ।।
आवाहन मन्त्र जप के बाद 35 माला प्रत्यक्ष दर्शन की करेंगे :-
“ॐ श्रीं उर्वशी आगच्छागच्छ स्वाह”
इसके बाद अंत में 5 माला उर्वशी आकर्षण क्रोध मंत्र की जप करेंगे:-
“ॐ जूं कट्ट कट्ट उर्वशी अप्सरा ह्रीं यः यः हूं फट”
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मंत्र जप करने के बाद दुबारा 5 माला गुरु मन्त्र की जप करे। अप्सरा का चिंतन करते हए उसी स्थान पर सो जाये। जप के समय अनुभव होंगे जो आपको किसी को भी नहीं बताना है अपने गुरु के आलावा। जो भी संकल्प लें उसे पूर्ण करे। जो भी वचन आपको लेना है कृपया आप पहेले ही अपने पास लिखकर रखे ताकि आपको समाश्या न आये।
जप के बाद जब अप्सरा का प्रत्यक्षीकरण हो आपको उससे वचन लेना है और आपको देवी को माला और मिठाई भेंट करे। इस प्रकार की गई साधना आपके जीवन पर्यंत रहेगी।
साधना से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिंदु :
- दिन : दिवाली की रात्रि या कोई भी शुक्रवार
- माला : अप्सरा स्फटिक माला और रुद्राक्ष माला
- यंत्र : अप्सरा उर्वशी यन्त्र
- जप संख्या : 35 माला रोज
- समय : रात्रि 8 बजे से 02 के मध्य
- वस्त्र : लाल
URVASHI APSARA SADHANA Method
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