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Tratak Kriya kya hai | त्राटक क्रिया के 6 लाभ
Tratak kriya |त्राटक क्रिया क्या है?
Tratak kriya क्या होता है सबसे पहले हम को यह जान लेना चाहिए। किसी भी वस्तु को बिना पलक झपकाए एकटक देखने को त्राटक कहते है। यह एकटक देखने की क्रिया आंख में आंसू आने तक करना होता है।
Tratak kriya हमारे मन पर निर्भर करता है जैसे आपके मन के विचार रहेंगे वैसे आपके परिणाम सामने आएंगे। सबसे पहला सवाल यह उठता है कि विचार क्या है? इसमें कोई संदेह नहीं कि मानव का मन बहुत चंचल है मन तो इच्छाओं का सागर है,हजारों इच्छाएं जन्म लेती है। जिसमें कुछ इच्छाएं पूर्ण हो पाती है बाकी की इच्छाएं दम तोड़ देती है। कहने का अर्थ है हमारे मन में उत्पन्न इच्छा की पूर्ति तथा आपूर्ति दोनों सफल और असफल बनाती है।
ज्यादातर इच्छा है पूरी नहीं हो पाती और इस कारण मानव डिप्रेशन में जाकर कहीं रोगों का शिकार हो जाता है। शरीर में उत्पन्न इन रोगों को बड़े-बड़े डॉक्टर भी ठीक नहीं कर पाते क्योंकि रोगी टेंशन के कारण बीमार रहता है। अगर मन की इच्छाओं पर कंट्रोल कर लिया जाए तो जीवन बदलना कोई बड़ी बात नहीं है।
बहुत सारे उदाहरण देखने को मिलते है मन को विचार मुक्त बनाकर बहुत लोग महान बने है। जैसे महात्मा बुद्ध, स्वामी विवेकानन्द आदि। मन सर्वशक्तिमान है क्योंकि इसमें स्वयं प्रभु का बसेरा है।
प्राचीन ऋषि – मुनि जंगलों में जप तप करके अनेक शक्तियों के मालिक बनते थे। योग क्रियाओं के माध्यम से वह इन्द्रियों को अपने अधीन कर लेते थे यह सब ध्यान योग से संभव था।
अब ध्यान क्या होता है?
बस यही आत्मज्ञान हमें ईश्वर प्राप्ति के लिए और लक्ष्य प्राप्ति के लिए होता है । इसी आत्मा में परमात्मा बसा होता है और इन्हें प्राप्त करने के लिए विचार शून्य होकर पूर्ण रूप से अपने इष्ट देव का ध्यान लगाना होता है। त्राटक विद्या दिमाग को एकाग्र करके हमें ध्यान की ओर बढ़ाता है।
ध्यान” योग क्रिया है । इसको करने के अनेक विधियां प्रचलित है। ध्यान में विचार शून्य होने कि क्रिया को किया जाता है। साधक इस विधि में मन पर कंट्रोल करने का प्रयास करता है। त्राटक इस योग की सबसे सरल विधि है। इसके भी बहुत अलग अलग तरीके बताए है जिसके बारे में हम इस पुस्तक में विस्तार से जानेंगे। अब हमारे मन में एक सवाल उठ रहा है कि हर समय विचार चलते रहते है तो इसे रोकना संभव है। इसका उत्तर है हां। और ये सभव है अभ्यास ,अभ्यास और अभ्यास से।
त्राटक क्रिया के लाभ | Benifits of Tratak
Tratak kriya ध्यान का एक प्राचीन तकनीक है जिसमें आप किसी एक स्थिर बिंदु या वस्तु को दृष्टि से देखते हैं। इसके कई फायदे हो सकते हैं:
1. मानसिक शांति:त्राटक ध्यान में आत्मा को शांति मिलती है और मानसिक स्थिति में सुधार होता है।
2. दृष्टि में सुधार: यह आपकी दृष्टि को मजबूत करने में मदद कर सकता है और आपकी ध्यानशक्ति को बढ़ा सकता है।
3. तंतुरंग नर्वसिस्टम को सुधार: त्राटक ध्यान से तंतुरंग नर्वसिस्टम को सुधारा जा सकता है जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
4. स्वस्थ मस्तिष्क: यह मस्तिष्क को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है और तंतुरंग नर्वसिस्टम को स्थिर कर सकता है।
5. समर्पण और एकाग्रता: त्राटक ध्यान आपको अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित और एकाग्रता में रख सकता है।
6. नींद में सुधार: इसका अभ्यास करने से नींद में सुधार हो सकता है और समय पर सुबह उठने की आदत बन सकती है।
सुनिश्चित रूप से, यदि आप त्राटक ध्यान का अभ्यास करना चाहते हैं, तो इसे सीधे और ध्यानपूर्वक करें और ध्यान को साधने में समर्थ व्यक्ति के साथ सहायक बनाए रखें।
त्राटक कैसे करें?
Tratak kriya को सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित निर्देशों का पालन करें:
1. ऑब्जेक्ट का चयन करें: एक छोटे से पत्थर, बिंदु , शक्ति चक्र, मूर्ति, या मोमबत्ती को चुनें। यह एक छोटा और स्थिर वस्तु होना चाहिए जिस पर आप ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
2. स्थान चयन करें: एक शांत, प्राकृतिक प्रकाश की अनुपस्थिति वाला स्थान/कमरा चुनें।
3. बैठें: सुखासन या पद्मासन में बैठें। सीधे पीठ और सीधे शरीर को बनाए रखें।
4. दृष्टि स्थान पर रखें: अपनी आंखों को स्थान पर केंद्रित करें, जैसे ही आपके चयनित बिंदु पर हैं।
5. ध्यान में रहें: आराम से अपने चयनित बिंदु को देखें। ध्यान बाधित होने पर फिर से उस पर केंद्रित करें।
6. बिना पलक झपकाए: शुरूवात में आप बिना ब्लिंक किए कुछ समय तक देखने का प्रयास करें। आंख से आंसू आने पर रोक दें।
7. समय का पालन करें: शुरुवात में 1-2 मिनट से धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
9. ध्यान का समापन: समय पूरा होने पर ध्यान को समाप्त करें, आंखें धीरे-धीरे खोलें और आत्मा के साथ संबंधितता में ठहरें।
याद रखें कि इस तकनीक को अधिक बार अभ्यास करना सुधार कर सकता है, और इसे धीरे-धीरे बढ़ाते रहना चाहिए।
त्राटक के नुकसान
Tratak kriya एक ध्यान तकनीक है जो सामान्यत: सुरक्षित है, लेकिन कुछ मामलों में यह किसी के लिए अनुकरणीय नहीं हो सकता। यहां कुछ संभावित त्राटक क्रिया के नुकसान हो सकते हैं:
1. आंतरिक दृष्टि में चुनौती: कुछ लोगों को अपनी आंतरिक दृष्टि को एक ही बिंदु पर केंद्रित करना मुश्किल लग सकता है, और इससे मानसिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
2. आँखों में तनाव: बिना पलक झपकाए देखने का प्रयास किए जाने से आँखों में तनाव हो सकता है और इससे आँखों की थकान हो सकती है।
3. ध्यान की कमी: कुछ लोगों को त्राटक में ध्यान करने में कठिनाई हो सकती है और इससे विरक्ति का अहसास हो सकता है।
4. आत्मा के साथ संबंधितता में उलझन: यह तकनीक आत्मा के साथ संबंधितता की प्राप्ति की कोशिश करती है, लेकिन कुछ लोगों को इससे उलझन हो सकती है या वे इसे सही से समझ नहीं पा रहे हो सकते हैं।
ध्यान और साधना के लिए योग्य बनने के लिए, एक गुरु के मार्गदर्शन में त्राटक को अभ्यास करना उपयुक्त हो सकता है, और अगर किसी को इसमें किसी भी प्रकार की तकलीफ हो, तो उन्हें तत्पर चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
Thank You for Reading Tratak kriya Article 🙏