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त्राटक में ज़रूरी-L3 पूर्व तेयारी P1
त्राटक से पूर्व की तेयारी कैसी होना चाहिए ? जिससे सफलता का स्तर बड़ जाये। हमारे द्वारा बताये जा रहे सभी नियमो को ध्यान में रखकर त्राटक का अभ्यास करें :-
प्रयोग करने से पहेले इनके नियम और सीमाए जान लेना आवश्यक है जो की इस इ-बुक में बताई गई है। जिस भी साधना को आप करना चाहते है उसके प्रति निष्ठा और द्रढ़ संकल्प होना ही सफलता है इस बात का ध्यान रखे।
आकर्षण के सिद्धांत
के अनुसार जो हम सोंचते है वही जीवन में घटित होता है अर्थात जो हम सोंचते है सही मायने में हम उसे अपनी ओर आकर्षित करते है। उदाहणार्थ जब कभी हम किसी व्यक्ति के बारे में कही देर तक या गहराई से किसी व्यक्ति के बारे में सोंचते है तो उस व्यक्ति का मोबाइल कॉल या वह स्वयं आ जाता है और हम कहते है में अभी आपके बारे में ही सोंच रहा था। क्योंकि साइंस के अनुसार हमारे दो प्रकार के मन होते है : 1. बाह्य मन और 2. आतंरिक मन
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बाह्य मन:–
बाह्य मन को चेतन मन भी कहा जाता है । यह बहुत ही चंचल होता है और 95% समय विचारों में ही डूबा रहता है । यह मन बिल्कुल कैमरे के सिद्धांतो पर काम करता है । यह जो हम देखते है उसे रिकॉर्ड करके प्ले करता रहता है । ये हमें कार्य करने की प्रेरणा देता है । यह तब तक ही काम करता है , जब तक की हम जाग्रत अवस्था में होते है । सोने के बाद यह स्लीप मोड में चला जाता है और हम बाह्य दुनिया को भूल जाते है अर्थात यह विचार मुक्त हो जाता है।
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आतंरिक मन:-
इसको अवचेतन मन भी कहा जाता है। यह मन बिलकुल CPU की तरह कार्य करता है। यह बाह्य मन द्वारा भेजे गए आदेशों का पालन करता है ,लेकिन यह तभी काम करता है जब यह आवश्यक समझे । इसका निर्णय ही कार्य करने के लिए उत्साह पैदा करता है। जो यह मान लेता है वही सत्य होता है। उदाहरण के लिए जब कोई घटना घट जाती है तो अक्सर बाह्य मन काम करना कम कर देता है जब यह निर्णय लेने की क्षमता जागता है और वह घटना हमें हु-बू –हु याद रह जाती है ।
वेसे तो यह मन 24 घंटे जाग्रत रहता है मगर यह सोते वक्त अधिक सक्रिय रहता है ,क्योंकि हमारा बाह्य मन उस वक्त सो जाता है। यही कारण है की कई बार हम जिस कार्य के बारे में ज्यादा सोंचते है तो सोते वक्त हमें सपना आ जाता है ।
इस प्रयोग में सफलता प्राप्त करने के लिए निम्न बातों का स्मरण रखने से बेहतर परिणाम मिलेंगे :
समय : इस प्रयोग को वेसे तो आप किसी भी समय किसी भी जगह कर सकते है मगर अच्छे परिणाम के लिए समय का चुनाव आवश्यक है। श्याम 06 से रात्रि 10 बजे मध्य तक और सुबह 04 से 09 बजे के मध्य तक दोनों समय प्रयोग करने से आपको जल्दी सफलता मिलेगी ।
स्थान : इस प्रयोग के लिए आपको शांत एवं एकांत स्थान का चयन करना चाहिए। एसा करने से आप बिना परेशानी के दिमाग को विचारमुक्त कर सकते है और प्रयोग को बिना किसी रूकावट के कर सकते है।स्थान : इस प्रयोग के लिए आपको शांत एवं एकांत स्थान का चयन करना चाहिए। एसा करने से आप बिना परेशानी के दिमाग को विचारमुक्त कर सकते है और प्रयोग को बिना किसी रूकावट के कर सकते है। कक्ष में अधिक रौशनी नहीं होना चाहिए हो सके तो प्राकृतिक रौशनी का चुनाव करे। पर्याप्त रोशन दान (खिड़की) के साथ सामान्य तापमान होना चाहिए।
सकारात्मक सोंच : आपकी सोंच हमेशा सकारात्मक होना चाहिए है। आपकी एक नकारात्मक सोंच पुरे प्रयोग को असफल कर देगी।
दिनचर्या एवं परहेज: इस प्रयोग के दोरान खाने में कुछ बदलाव करना आवश्यक होता है : अधिक खटाई , अधिक मिर्च मसाला , अधिक नमक , लसुहन-प्याज, अधिक मीठा आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
अगर आप किसी भी प्रकार का नशा करते है तो आप इस दोरान नहीं कर सकते है साथ ही सेक्स , मांस ,क्रोध आदि नहीं करना चाहिए ।
भडकाव कपडे अर्थात अधिक चमक –धमक वाले कपडे नहीं पहनना चाहिए। और डरावने द्रश्य , अधिक नहीं बोलना चाहिए ।
सामग्री को एकत्रिकरण : इसमें हमें सबसे पहेले उन सामग्री को एकत्रित कर लेना है जिसकी हमें आवश्यकता पड़ेगी-
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कम्बल : कोई भी ऊनी कम्बल या गद्धिदार आसन होना चाहिए।
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त्राटक वस्तु (OBJECT) : इस क्रिया में सिर्फ ब्लैक एंड वाइट बिंदु ,चित्र ,या चक्र ही उपयोग में लाया जा सकता है जिसकी की साइज : लम्बाई 4-6 इंच x चोड़ाई 4-6 इंच से ज्यादा या कम नहीं होना चाहिए।
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एयर प्लग : इसका उपयोग आवाजों को रोकने के लिए
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इत्र या रूम फ्रेशनर : अगर हम किसी कमरे का चुनाव किये है तो वहां खुशबूदार इत्र या अन्य किसी वस्तू का प्रयोग कर सकते है। जिससे हमें अच्छा वातावरण मिल सके और हमारा ध्यान लगा रहे।
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अन्य सुविधाएँ : इसमें मोसम के अनुसार सुविधाएँ आ सकती है, म्यूजिक सिस्टम , हैडफ़ोन सुविधानुसार ले सकते है।