गुरु दीक्षा समारोह 05 जुलाई

गुरु दीक्षा सामग्री

सामग्री

गुरु दीक्षा के लिए आवश्यक सामग्री कृपया गुरु दीक्षा लेने से पहले जुटा लें।

  • अष्टगंध
  • जनेऊ
  • पान
  • कलावा
  • रोली- चावल
  • धूप दीप
  • इत्र
  • लोंग इलायची, सुपारी
  • पीला कपड़ा बजोट के लिए
  • फूल माला 2
  • प्रसाद
  • नारियल
  • पानी का पात्र
  • गुरु चित्र और शिव चित्र या लिंग

दीक्षा समय

4 जुलाई5 जुलाई
12 to
01
PM
4:30 to
6am
03 to
04 pm
7:30 to 8 am
09 to 10 pm2 to 3 pm
10:30 to 12 pm6 to 9 pm

दीक्षा निर्देश

दिशा: उत्तर मुंह

वस्त्र : पीले

माला : नहीं

दक्षिणा : श्रद्धानुसार

त्याग: कोई भी एक नसैली वस्तु का सेवन

गुरु दीक्षा की विशेष जानकारी

आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत के लिए गुरु का होना आवश्यक होता है। जीवन में गुरु दीक्षा लेने के बाद व्यक्ति आध्यात्मिक रास्ते पर बिना किसी समस्या के अग्रसर होता है। गुरु कोई इंसान नहीं होता है गुरु पुस्तक ज्ञान होता है। जिस भी व्यक्ति, जानवर, निर्जीव वस्तु जिससे आपको ज्ञान प्राप्त हुआ वह ज्ञान आपका गुरु होता है। गुरु का दर्जा हम सब जानते हैं देवताओं से भी ऊपर बताया गया है।

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः
गुरुः साक्षात्परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नमः

गुरुर ब्रह्मा : गुरु ब्रह्मा (सृष्टिकर्ता) के समान हैं.
गुरुर विष्णु : गुरु विष्णु (संरक्षक) के समान हैं.
गुरुर देवो महेश्वरा : गुरु प्रभु महेश्वर (विनाशक) के समान हैं.
गुरुः साक्षात : सच्चा गुरु, आँखों के समक्ष
परब्रह्म : सर्वोच्च ब्रह्म
तस्मै : उस एकमात्र को
गुरुवे नमः : उस एकमात्र सच्चे गुरु को मैं नमन करता हूँ.

गुरु गु : अन्धकार
रु : हटाने वाला

इस गुरु पूर्णिमा को गुरु दीक्षा लेकर अध्यात्म जीवन की शुरुआत करें:

गुरु दीक्षा कैसे लें?

गुरु दीक्षा लेने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन दिए गए समय में बताई गई सामग्री के साथ बैठ जाएं। वीडियो के माध्यम से मानस रूप से गुरु दीक्षा ग्रहण करना है। गुरु दीक्षा समारोह में सम्मिलित होने के लिए पहले से निशुल्क पंजीयन कराएं। पंजीकृत साधकों को पहले वीडियो के माध्यम से ग्रुप से दी जाएगी उसके बाद साधकों को गुरुदेव द्वारा कॉल किया जाएगा।

गुरु दीक्षा के बाद गुरु मंत्र का अनुष्ठान करना प्रारंभ करना है जो कि तय समय में अपनी सुविधानसार माला की जनसंख्या निर्धारित करके मंत्र जप करें।

दीक्षा का अर्थ होता है समर्पण करना अर्थात त्याग करना। गुरुदेव आपसे कोई भी एक चीज जीवन भर के लिए त्याग करने को कहेंगे, उसे आपको जीवन भर उपयोग नहीं करना है। सभी गलत आदतों को छोड़कर सात्विक जीवन की ओर अग्रसर होना है।

गुरु मंत्र नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से अपना पंजीयन कराएं और गुरु दीक्षा समारोह में शामिल होकर अपने जीवन को उज्जवल बनाएं।

निशुल्क पंजीयन

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