No products in the cart.
अप्सरा साधना | Apsara sadhana 1 Best Of Life
अप्सरा साधना एक प्राचीन साधना प्रयोग है जिसमें लोग अप्सराओं से संवाद करने और उनकी कृपा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अप्सरा साधना प्राचीन भारतीय साधना का हिस्सा है और तंत्रिक विधियों, मंत्रों, और उपायों का आदान-प्रदान करता है। अप्सरा साधना को पुरे नियम से करे तो इसे प्रत्यक्ष रूप से दर्शन भी किया जाता हैं।
अप्सरा साधना | Apsara sadhana
इसे कौन कर सकता है
अप्सरा साधना को कोई भी व्यक्ति कर सकता है। शास्त्र एवं गुरुजनों के अनुसार इस साधना को सभी व्यक्ति कर सकते हैं। यह तंत्र-मंत्र शास्त्र में प्रारंभिक साधनाओं में जोड़ा गया है। जिसे बिना किसी कठिनाई के सहज ही सफल की जा सकती है। इस साधना को ग्रहस्थ व्यक्ती या नवयुवक कर सकते हैं। वैसे तो इसे किसी भी उम्र में किया जा सकता है परंतु युवावस्था में सरलता से जल्दी यह साधना सफल हो जाती है।
अप्सरा साधना कितने दिन की होती है
अप्सरा साधना की अवधि व्यक्ति की आध्यात्मिक योग्यता, उद्देश्य, और साधक की साधना की धारणा पर निर्भर करती है। यह एक कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक की समयावधि में की जा सकती है।
साधक अपने उद्देश्य के आधार पर साधना की अवधि का निर्धारण करता है और ध्यानपूर्वक योग्यता और साधना के लक्ष्यों के आधार पर तांत्रिक गुरु या आध्यात्मिक आचार्य की मार्गदर्शन का सहारा लेता है।
अप्सरा साधना करने से क्या होता है
अप्सरा साधना का मुख्य उद्देश्य आध्यात्मिक उन्नति, देवी आत्मा के साथ मिलन, और आकर्षण शक्तियों को प्राप्त करना होता है। इसके द्वारा साधक निम्नलिखित लाभ प्राप्त करने का प्रयास कर सकता है:
1) आध्यात्मिक उन्नति: साधक अप्सराओं के साथ संवाद के माध्यम से आध्यात्मिक अनुभव और ज्ञान की प्राप्ति कर सकता है।
2) आकर्षण शक्तियाँ : यह साधना आकर्षण शक्तियों को विकसित करने का उद्देश्य रखती है, जिससे साधक के जीवन में सुख और समृद्धि आ सकती है।
3) आत्मा के साथ मिलन: साधक अप्सराओं को प्रत्यक्ष करके उनके साथ बातचीत कर सकता है। वह देवी शक्ति के साथ सांसारिक जीवन में विचरण कर सकता है।
4) प्रेम का अनुभव: इस साधना से व्यक्ति प्रेम का अनुभव कर सकता है। साधकों के अनुभव अनुसार इस साधना को करने से अप्सरा को प्रेमिका के रूप में प्राप्त किया जा सकता है। जिस प्रकार मानव जीवन में हम प्रेम का अनुभव करते हैं वैसे ही अप्सराओं के साथ प्रेम संबंध बनाकर रख सकते हैं।
अप्सरा साधना को करने से बहुत सारे लाभ मिलते हैं।
अप्सरा साधना को कैसे करें
अप्सरा साधना को करने की विधि सरल और सहज आपको समझ कर करना चाहिए। वैसे तो किसी भी शुक्रवार को साधना को प्रारंभ किया जा सकता है और यह अधिकांश रात्रि कालीन साधना होती है। यह एक दिवसी साथ दिवसी 11 दिवसी 41 दिवस थी अलग-अलग प्रकार से की जाती है। तथा वैदिक मंत्र तांत्रिक मंत्र और शाबर मंत्रों की अलग-अलग साधनाओं की अलग-अलग विधि होती है। जो साधना आपको सरल लगे उसे साधना को अपने गुरु या विधि अनुसार पालन करके करना चाहिए। अप्सरा साधना को करने के लिए इंटरनेट में कई वीडियो और पोस्ट दी गई है जिसे देखकर साधना करना जोखिम भरा हो सकता है।
आपकी सरलता के लिए बतायेनुसार EBOOK अप्सरा साधना PDF के माध्यम से जानकारी ली जा सकती है:
Aapsa Sadhana PDF
अप्सरा साधना में उपयोग की जाने वाली सामग्री
प्रत्येक अप्सरा साधना में अलग-अलग सामग्री की आवश्यकता पड़ती है। सामान्य रूप से हमें निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता पड़ती है:
- अप्सरा यंत्र
- अप्सरा माला (स्फटिक माला ,हकीक माला, रुद्राक्ष माला)
- इंद्रगुटिका (यदि आवश्यकता हो विधि अनुसार)
- पंचोपचार पूजन सामग्री
यदि आप इसका किट खरीदना चाहे तो इसी वेबसाइट पर उपलब्ध है जो पूर्ण रूप से प्राण प्रतिष्ठित है।
अप्सरा साधना के अनुभव असल जिंदगी में
अप्सरा साधना हिन्दू तंत्र और धार्मिक प्रथाओं से जुड़ी प्रथा है, जिसमें व्यक्तिगत अनुभव वर्णित करना बड़ा व्यक्तिगत होता है। इस प्रक्रिया का उद्देश्य अप्सराओं जैसे देवी-देवताओं से जुड़ना होता है, जिन्हें सौंदर्य, आकर्षण और कला के क्षेत्र में सहायक माना जाता है। लोग जो इस प्रकार की साधना करते हैं, वे अकसर अद्वितीय और व्यक्तिगत अनुभव बताते हैं।
अक्षरा साधना के अनुभव की जानकारी हमारे इस वीडियो को देखकर आप पूर्ण रूप से ले सकते हैं। इस वीडियो के माध्यम से आपको बताया गया है इसके किस प्रकार अनुभव होते हैं। जैसा कि हम बता चुके हैं व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग एक्सपीरियंस लोगों को होता है।
L